शुगर की बीमारी बालो को पैरो का ख़्याल रखना है बहुत जरूरी जाने क्यों?
बदलती अनियमित लाइफस्टाइल और भागदौड़ भरे जीवन में मधुमेह (Diabetes) नामक बीमारी सर्वाधिक लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है। Diabetes को मधुमेह या आम भाषा में sugar ki bimari (शुगर की बीमारी) भी कहा जाता है। बता दें कि यह एक ऐसी बीमारी है जो सिर्फ बड़ो को ही नहीं बच्चो को भी अपना तेजी से शिकार बना रही है। ये बीमारी एक बार किसी के शरीर को पकड़ ले तो उसे फिर जीवन भर छोड़ती नहीं। भोपाल शहर में करीब 20 लाख की आबादी में से 15 हजार लोग ऐसे हैं, जिन्हें ये बीमारी है, पर उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं है। इस आबादी में 10 फीसदी यानी दो लाख लोग ऐसे हैं, जिन्हें यह मीठी बीमारी है। ये चौंकाने वाले आंकड़े राष्ट्रीय अर्बन स्वास्थ्य मिशन के तहत हाल ही में हुए सर्वे में सामने आए हैं। ये आकड़ें भी सामने आए...
इंदौर के टोटल हॉस्पिटल डायबिटीज हॉर्मोन इंस्टीट्यूट के डॉक्टर सुनील एम जैन का कहना है कि टाइप-1 डायबिटीज ज्यादातर छोटे बच्चों को होती है। टाइप-2 डायबिटीज का गवर्मेंट ऑफ इंडिया की तरफ से एक सर्वे कराया जा रहा है, जिससे मध्य प्रदेश में डायबिटीज के मरीजों का आकड़ा सामने आएगा। उन्होंने डायबिटीज से बचने के लिए बताया कि अगर फैमली में किसी को ये बीमारी पहले से है तो इसके होने के अधिक चांस होते हैं। इससे बचने के लिए रोजाना 40-50 मिनट तक एक्सरसाइज करें। अपने शरीर के वजन को बहुत अधिक न बढ़ने दे।
इंदौर के टोटल हॉस्पिटल डायबिटीज हॉर्मोन इंस्टीट्यूट के डॉक्टर सुनील एम जैन का कहना है कि टाइप-1 डायबिटीज ज्यादातर छोटे बच्चों को होती है। टाइप-2 डायबिटीज का गवर्मेंट ऑफ इंडिया की तरफ से एक सर्वे कराया जा रहा है, जिससे मध्य प्रदेश में डायबिटीज के मरीजों का आकड़ा सामने आएगा। उन्होंने डायबिटीज से बचने के लिए बताया कि अगर फैमली में किसी को ये बीमारी पहले से है तो इसके होने के अधिक चांस होते हैं। इससे बचने के लिए रोजाना 40-50 मिनट तक एक्सरसाइज करें। अपने शरीर के वजन को बहुत अधिक न बढ़ने दे।
डायबिटीज हो तो पैरों का ऐसे रखें ख्याल
- अगर डायबिटीज की समया है तो पैरों को कवर करने वाले आरामदायक जूते पहनें क्योंकि इस रोग से पीडि़त व्यक्ति को घाव या चोट लगने पर हीलिंग प्रोसेस धीमा होता है। इसके अलावा शूज के अंदर की लाइनिंग स्मूद होनी चाहिए और ध्यान रहे कि अंदर किसी भी तरह का कंकड़ या पत्थर न जाने पाए, वरना आपके पैरों में तकलीफ हो सकती है।
- हालांकि सुबह के समय हरी घास पर चलने से स्वास्थ्य को कई प्रकार के लाभ होते हैं लेकिन डायबिटीज के मरीजों को इससे परहेज करना चाहिए। इससे आपके पैरों में कांटा लगने या कंकड़ चुभने का डर बना रहता है। कोशिश करें कि जब भी आपको घर से बाहर जाना पड़े तो जूते पहनकर ही जाएं।
- जितना ज्यादा व्यायाम करेंगे, ब्लड शुगर उतनी ही सामान्य बना रहेगी लेकिन डायबिटीज के मरीज को यदि पैरों संबंधी कोई समस्या है तो नॉन इम्पेक्ट एक्सरसाइज करनी चाहिए। इसके लिए आप योगाभ्यास, स्वीमिंग आदि कर सकते हैं। बाउंसिंग, जंपिंग या रस्सी कूदने जैसी एक्टिविटीज से बचें।
- डायबिटीज के मरीजों को अपना रेगुलर चेकअप कराना चाहिए और डॉक्टर के बताए अनुसार पैरों की खास देखभाल करनी चाहिए। अगर पैरों की तकलीफ से जुड़ी फैमिली हिस्ट्री है तो आपको इस ओर खास ध्यान देना चाहिए।
- खराब ब्लड सर्कुलेशन की वजह से भी पैरों की समस्या हो सकती है। कोई चोट या घाव लगने पर भी ब्लडकी सप्लाई बाधित हो सकती है इसलिए जब भी पैर सुन्न होने लगे तो फौरन दो से तीन मिनट की वॉक कर लें।
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