गज़ब शाकाहारी भगवन भक्त मगरमछ जो केवल प्रशाद खाता है और मर के फिर जिन्दा हो जाता है
आप को एक ऐसे खतरनाक मगरमच्छ के बारे में बताने जा रहे है जो सिर्फ मंदिर का प्रसाद खा कर जीवित है।अभी तक आपने मगरमच्छ के बारे में यही सुना होगा कि वो मांसाहारी होता है, लेकिन इस दुनिया में एक ऐसा मगरमच्छ भी है जो शाकाहारी है। इतना ही नहीं बल्कि यह मगरमच्छ मरने के बाद फिर से जिंदा हो जाता है।
यह केरला के प्रसिद्ध मंदिर पद्मानाभस्वामी मंदिर के बीच स्थित तालाब में रहता है। यह मंदिर भगवान विष्णु का हैं जो झील के बीच बना हुआ है। इस तालाब में रहने वाले इस मगरमच्छ का नाम बबिआ है। यह मगरमच्छ मंदिर की रखवाली करता हैं। ‘बबिआ’ नाम के मगरमच्छ से प्रसिद्ध इस मंदिर में यह भी मान्यता हैं।
बबिआ मगरमच्छ को खिलाया जाता है। बबिओ को मंदिर में प्रसाद खिलाने का काम सिर्फ मंदिर के पुजारी ही करते हैं। यह मगरमच्छ शाकाहारी है और वह झील के अन्य जीवों को भी नुकसान नहीं पहुंचाता।मगरमच्छ शाकाहारी है और वह झील के अन्य जीवों को भी नुकसान नहीं पहुंचाता।
मगरमच्छ करीब 60 सालों से रह रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मगरमच्छ की 1945 में एक अंग्रेज ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, लेकिन यह इंसान पर कभी अटैक नहीं करता और सिर्फ प्रसाद खाकर जिंदा है।
यह केरला के प्रसिद्ध मंदिर पद्मानाभस्वामी मंदिर के बीच स्थित तालाब में रहता है। यह मंदिर भगवान विष्णु का हैं जो झील के बीच बना हुआ है। इस तालाब में रहने वाले इस मगरमच्छ का नाम बबिआ है। यह मगरमच्छ मंदिर की रखवाली करता हैं। ‘बबिआ’ नाम के मगरमच्छ से प्रसिद्ध इस मंदिर में यह भी मान्यता हैं।
बबिआ मगरमच्छ को खिलाया जाता है। बबिओ को मंदिर में प्रसाद खिलाने का काम सिर्फ मंदिर के पुजारी ही करते हैं। यह मगरमच्छ शाकाहारी है और वह झील के अन्य जीवों को भी नुकसान नहीं पहुंचाता।मगरमच्छ शाकाहारी है और वह झील के अन्य जीवों को भी नुकसान नहीं पहुंचाता।
मगरमच्छ करीब 60 सालों से रह रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मगरमच्छ की 1945 में एक अंग्रेज ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, लेकिन यह इंसान पर कभी अटैक नहीं करता और सिर्फ प्रसाद खाकर जिंदा है।
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