पेट के अंदर गोली और कैप्सूल कैसे करते है काम

मौसम में बदलाव या अन्य किसी कारण से जब हम बीमार होते हैं, तब तुरंत दवा लेकर ठीक भी हो जाते हैं। बीमारी चाहे छोटी हो या बड़ी, हर मर्ज का इलाज दवाओं में छुपा है, जिन्हें लेते ही आराम महसूस होने लगता है। आपके मन में यह प्रश्न अक्सर आता होगा कि दवाएं पेट में जाने के बाद कैसे कम करती हैं।
हम ऐसा मानते है कि दवाएं पेट में जाने के बाद तुरंत घुल जाती होगी लेकिन एक रिसर्च संस्था ने इस पर एक प्रयोग करके ये बताने का प्रयाश किया है कि पेट में जाने के बाद हर दवा तुरंत घुलती नहीं है बल्कि दवा घुलने का तरीका और इसमें लगने वाला समय उस दवा की प्रकृति पर भी निर्भर करता है। हमारे पेट में एसिड पाया जाता है और जब हम दवा लेते हैं तो ये दवा पेट के एसिड से मिलकर अलग-अलग प्रकार से घुलती हैं। जैसे ऍडविल की दवा लेने पर, इसकी प्लास्टिक कोटिंग पेट में जाकर घुल जाती है और इस कोटिंग के अंदर मौजूद लिक्विड मेडिसिन को निकाल देती है।
जब हम सॉलिड टैबलेट्स लेते हैं, ये दानेदार होती है तो ये दवा पेट में जाकर बुलबुले के रूप में निकलते हुए, धीरे-धीरे घुलती है। इस एक्सपेरिमेंट में बताया गया है कि इन दानेदार टैबलेट्स को पूरी तरह घुलने में करीब 10 से 12 घंटे का समय लग जाता है।इस रिसर्च के बारे में जान लेने के बाद, अब आप भी जान चुके हैं कि जैसे हर दवा का काम अलग-अलग होता है, वैसे ही हर दवाई का पेट में घुलकर असर करने का तरीका और समय भी अन्य से अलग होता है।

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