बथुआ खाने से बीमारिया दूर होती है बथुआ एक बहुत ही प्रोटीन युक्त साग है इसको साग की भागी बना कर और परांठे बना कर खाया जाया जा सकता ये बिमारियों को दूर रखता है साथ ही पुरषों में मर्दानगी का विकाश करता है
एक लड़की ने अपने पालतू कुत्ते के साथ सम्बन्ध बनाये । वह उत्तेजना में कुतिया की तरह अपनी पोजीशन बना कर कुत्ते के साथ सेक्स करने लगी। कुत्ता बार बार लड़की के ऊपर उतेजना में चढ़ने लगा और अचानक कुत्ते का लिंग लड़की के गुप्तांग में पूरा घुस गया । किन्तु हबस की उत्तेजना में लड़की उसी पोजीशन में रही और कुत्ता भी उत्तेजित होकर सेक्स करता रहा। फिर अचानक कुत्ता पीछे की तरफ घूम गया और कुत्ते का लिंग उस लड़की की योनि में फंस गया। तब उस उस लड़की को अपनी गलती का अहसास हुआ और फिर कुत्ता अपना लिंग बहार निकलने के लिए जा आगे की तरफ हरकत करने लगा तब लड़की को भयंकर दर्द होने लगा । तब लड़की ने डॉक्टर को फ़ोन लगाया काफी देर के बाद डॉक्टर के आने के बाद भी जब डॉक्टर भी कुत्ते का लिंग योनि से बहार निकलने में असफल रहा तो कुत्ते को बेहोश कर के हॉस्पिटल में ले जाया गया तब जाकर कही जाकर काफी मस्कत के बाद कुत्ते का लिंग बहार निकल जा सका और लड़की की योनि भी छतिग्रस्त हो गई उसे भी काफी दिन तक दबाई लेनी पड़ी।
शादी का नाम सुनते ही आजकल हर किसी की बोलती बंद हो जाती है। शादी किससे होगी, लड़की होगी, मोटी तो नहीं है ऐसे कई सवाल मन में आते है। लेकिन हाल ही पता चला है कि मोटी लड़कियों की तुलना में पतली लड़की से शादी करने के ज्यादा फायदे होते हैं। ये थोड़ा पढ़कर अजीब लगा, पर ऐसा मानना है। तो चलिये जानते है पतली लड़की से शादी के फायदे – -एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि मोटी लड़कियों की तुलना में पतली लड़कियां ज्यादा खुश मिज़ाज़ होती हैं और इनका दिल भी साफ होता है। ऐसी लड़कियां दिमाग से ज्यादा दिल से सोचती हैं और अपने दिल की बात सुनती हैं। -पतली लड़कियां खाने के मामले में थोड़ी कंजूस होती है, उन्हें डर रहता है कहीं वह मोटी ना हो जाए, इसलिए वह खाने पीने पर पैसा कम ही बर्बाद करती है। शोध में पता हुआ है, कि पतली लड़कियों से शादी करने पर वह आपकी हेल्थ का ध्यान रखती है। – पतली लड़की से शादी करने से मानसिक तनाव कम होता है। लड़कियां दिखने में बहुत खूबसूरत लगती है, उनके साथ आपको बाहर जाने में कोई शर्म नहीं आएगी और साथ ही ये भी पता चला है कि पतली लड़कियों को गुस्स्सा ज्यादा आता है।
बवासीर बीमारी के दो प्रकार होते हैं. पहले प्रकार को आम भाषा में खूनी बवासीर भी कहा जाता है और दूसरे प्रकार को बादी बवासीर. कुछ जगहों पर इसे महेशी भी कहते हैं. यह बीमारी जिस किसी को भी हो जाती है वह बहुत परेशान रहता है. समस्या ज्यादा बढ़ने पर बहुत सारे लोग ऑपरेशन भी करा लेते हैं. लेकिन अगर दिक्कत ज्यादा नहीं है तो इसका उपचार घर पर भी किया जा सकता है. आज हम बवासीर के घरेलू उपचार के बारे में ही बात करेंगे. इस आर्टिकल के द्वारा हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार से घर पर ही बवासीर का इलाज किया जा सकता ह खुनी बबासीर । जिन लोगों को खूनी बवासीर की समस्या होती हैं उन्हें दर्द नहीं होता. अर्थात इस प्रकार के बवासीर में केवल खून आता है. इस प्रकार के बवासीर में खून पखाने में लग के, टपक-टपक के या फिर पिचकारी की तरह आता है. बवासीर में अंदर की तरफ मस्सा होता है जो कि पखाने के दौरान बाहर की तरफ निकल आता है. बाद में यह अपने आप अंदर चला जाता है और यदि बवासीर कि समस्या पुरानी हो तो इसे हाथ से दबाकर अंदर की तरफ करना पड़ता है. बादी बबासीर दूसरा प्रकार होता है बादी बवासीर. जिन लोगों को इस बवासीर की समस्या हो
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